ब्लोग - इंसान की कभी ना खत्म होने वाली "जरूरत"

ब्लोग - इंसान की कभी ना खत्म होने वाली "जरूरत"


कभी ना खत्म होने वाला यह शब्द "जरूरत" जिसका कोई अंत नहीं है।

और मुझे लगता है मेरी तरह दूसरे लोग भी मेरी इस बात से सहमत होंगे

कि इंसान की जरूरत कभी नहीं खत्म होती है।    


ऐसा मैं अपने अनुभव से कह रही हूँ। हुआ यूँ कि मैं एक ट्रेन से यात्रा कर रही थी और मेरी सामने वाली सीट पर  दो लोग बैठे थे, एक नौजवान युवक जिसकी उम्र करीब 21 साल की होगी और साथ में उसके पिता जिनका नाम रामशंकर प्रसाद जी था। बातों ही बातों में मैं उनसे पूछी कि चाचा जी आपको क्या लगता है इंसान की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत क्या है तो उन्होंने कहा बेटी मुझे लगता है इंसान की सबसे अहम जरूरत भोजन है जिसके बिना वह नहीं रह सकता। तो मैंने कहा वो तो ठीक है लेकिन बिना पैसे के भोजन कैसे आएगा तो पैसों की जरूरत अधिक महत्वपूर्ण है, उनका बेटा बोला नहीं पैसे के लिए काम की जरूरत है, नौकरी की जरूरत है बिना काम किए पैसे नहीं आ सकते, मैं उस पर भी हाँ कह दी और सोच रही थी सही तो है यहाँ हम तीन बैठे हैं और तीनों ने अपने अनुसार जरूरत को बाँट दिया है।                               


       और सही भी तो है जरूरत कभी खत्म नहीं होता केवल उसकी शुरुआत होती है और उसे पूरा करने में इंसान खत्म होजाता है पर जरूरत उस आखिरी साँस तक भी खत्म नहीं होती और ना होगी। मरते हुऐ इंसान को गंगाजल की जरूरत और मरने के बाद कफन और   चंद लकड़ी की जरूरत और उसके बाद, उसके सपनों को पूरा करने की जरूरत भी उससे जुड़े लोगों के साथ बंध जाते हैं । इस तरह यह जीवन चक्र चलता रहता है और एक नई जरूरत का जन्म होता रहता है इसी का नाम जिंदगी है। इंसान खत्म हो जाता है पर जरूरत नहीं।


Comments

  1. Badhiya likha hai aapne
    Sach hai insaan jab tak jivit hai uski zaroorat kabhi khatam nahi hogi

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  2. बिल्कुल..इंसान की ज़रूरत कभी खत्म नहीं होती😊😊❤️

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