2020 की दिवाली में कोरोना का डर
दिवाली की खरीदारी के बीच बेखौफ माहौल
2020 की दिवाली कोरोना वायरस से जूझ रही है। लोग बाहर तो जा रहे हैं लेकिन कुछ लोग पूरी सावधानी से मास्क,
सैनिटाइजर के साथ दिख रहे हैं और कुछ लोग बिना मास्क लगाए ही भीड़ में आराम से अपने पूजा का सामान
और पटाखों की ख़रीदारी कर रहे हैं। इन सबके बीच यह भूल जाना के करोना अब ख़त्म हो चुका है यह ग़लत होगा।
लेकिन एक अजीब सा बेखौफ नजारा देखने को मिला सड़कों पर, दुकानों में, सभी बिंदास, बिना मास्क के घूम रहें हैं। क्या यह सही था? लोगों में यह डर कैसे खत्म हो गया है जबकि कोरोना अब तक खत्म नहीं हुआ है।
लोग एक दूसरे से संक्रमणीत हो रहें हैं। कारण बाहर निकलने पर पता चलता है, हम कितने लापरवाह हो गए हैं, आखिर कैसे? हम क्यों भूल जाते हैं अपने गुजरे हुए बुरे दिन को। जरा सोचिए जो लोग संक्रमणीत हो रहें हैं या हो रहें थे उनकी जुबानी उनकी कहानी सुनिए, तब पता चलेगा कोरोना होने के बाद का समय कैसे गुजरता है।
लोगों का एक कमरे में बंद रहना
ना कहीं जाना, ना आना, ना कोई पास बैठने वाला और ना बात करने वाला और अगर ज्यादा संक्रमणीत हुए, सेहत साथ नहीं दिया तो लोग हॉस्पिटल के बिस्तर में दिन-रात अकेले काटना, अपनों से और गैरों से दूर। 2020 की इस दिवाली में थोड़ी समझदारी दिखा कर हमें अपने परिवार के साथ खुशियों की दिवाली बनानी चाहिए और संक्रमण से बचना चाहिए, ताकि हमें बेवजह संक्रमण का शिकार होना ना पड़े।
सुझाव और उपाय
- संक्रमण का जैसे ही पता चले तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह ले।
- कोरोना के लक्षण पता चलते ही क्वारंटाइन हो जाना ज्यादा बेहतर है।
- ताकि हमारे परिवार के अन्य सदस्य संक्रमित ना हो।
- मुंह पर हमेशा मास्क लगाकर रखें और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहे।
- अपने खाने पीने का खास ध्यान रखें और दवाइयों का समय पर सेवन करें।
- साबुन लगाकर कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को धोना चाहिए।
लेकिन लोग लापरवाही से बिना मास्क के घूम रहें हैं। रोज टी वी पेपर पर लाखों हिदायतें दी जा रही हैं मगर हम क्यों नहीं समझते? आज यही सोच रही थी। इतनी लापरवाही ठीक नहीं। हमारी जिंदगी सिर्फ हमारी नहीं है हम से जुड़े अपनों की भी है। सोचिए और सतर्क रहिए। धन्यवाद!
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