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Writing tips, Likhne ka sahi tarika kya hai?

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Image from pixabay.com लिखने की प्रक्रिया को हम सब उत्तम समझते हैं। बचपन से ही हम सुनते आ रहे हैं जिन चीजों को हम याद रखना चाहते हैं उसे एक बार लिखो ज़रूर। बच्चों में यह आदत डालना थोड़ा मुश्किल होता है। मगर जिन बच्चों को लिखकर पढ़ने की आदत होती है उन्हे पढ़े हुए विषय की जानकारी हमेशा के लिए याद हो जाती है। आर्टिकल लिखने के लिए ज़रूरी टिप्स अगर आप कोई आर्टिकल लिख रहे हैं तो अपने अनुभव के साथ लिखें किसी भी आर्टिकल में अगर अनुभव दिखता है तो पाठक की रोचकता पढ़ने की और ज्यादा होती है। वह उस आर्टिकल में एक अनुभवी लेखक को पढ़कर लेखक के प्रति सम्मान भी जताते हैं। लिखना अपने आप में बहुत रोचक होता है क्योंकि जो बातें हम सोचते हैं उसे दो पल में भूल जाते हैं, मगर जो बातें हम लिखते हैं वह बातें हमारे दिमाग में बहुत दिनों तक रहती है।  जो भी हम कल्पना करते हैं उसे शब्दों में उतारने के बाद एक कहानी एक कविता एक पूरी किताब बन जाती है, लेकिन अगर हम लिखे नहीं और सिर्फ कल्पना करें तो क्या हम किसी को भी समझा पाएंगे? हम कहना क्या चाहते हैं?  अपने विषय को समझाने का एक ही सबसे सरल तरीका होता है कि उसे...

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  अभिलाषा कुछ करने की मन की अभिलाषा को पर लगने दो,  कुछ अपनी कहो, कुछ और की सुनो।  खुला है हर दरवाज़ा, बस खटखटाना है बाकी,  थोड़ी सी उलझनों से बाहर निकलना है बाकी। एक बात जो मैं अपने नज़रिये से देखती हूँ तो मुझे ऐसा लगता है, हर इंसान के अंदर बहुत सारी अभिलाषा है, लेकिन अपनी मन की उलझनों में दबाए वह पूरी ज़िंदगी पार कर लेता है। और मिलता क्या है अफ़सोस, निराशा।  क्या यह सही है? क्या यह गलत है? हम कई बार यहीं सोचते रह जाते हैं, और इसी सोच में डूब जाते हैं, बिखर जाते हैं। और ज़िंदगी कटती जाती है जिंदगी रुकेगी नहीं यह हर कोई जानता है मगर "खैर, छोड़ो" ऐसे शब्दों का सहारा लेकर हम रह जाते हैं। नुकसान होता जाता है मगर हर नुकसान का हिसाब बहुत महंगा पड़ता है। और हम एक समय के बाद हिसाब लगाना भी छोड़ देते हैं, और होता क्या है, मन की अभिलाषा का अंत होता है। समाज में विभिन्न प्रकार के लोग मिलेंगे, सभी के लिए हम अच्छे साबित हों यह नामुमकिन है। क्योंकि जब हमारा दिमाग हर वक्त एक सा नहीं रहता, तो हमारी बातें, हमारी सोच, हमारा काम, हमारा व्यवहार, कैसे एक सा हर ...

ब्लोग - इंसान की कभी ना खत्म होने वाली "जरूरत"

ब्लोग - इंसान की कभी ना खत्म होने वाली "जरूरत" कभी ना खत्म होने वाला यह शब्द "जरूरत" जिसका कोई अंत नहीं है। और मुझे लगता है मेरी तरह दूसरे लोग भी मेरी इस बात से सहमत होंगे कि इंसान की जरूरत कभी नहीं खत्म होती है।     ऐसा मैं अपने अनुभव से कह रही हूँ। हुआ यूँ कि मैं एक ट्रेन से यात्रा कर रही थी और मेरी सामने वाली सीट पर  दो लोग बैठे थे, एक नौजवान युवक जिसकी उम्र करीब 21 साल की होगी और साथ में उसके पिता जिनका नाम रामशंकर प्रसाद जी था। बातों ही बातों में मैं उनसे पूछी कि चाचा जी आपको क्या लगता है इंसान की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत क्या है तो उन्होंने कहा बेटी मुझे लगता है इंसान की सबसे अहम जरूरत भोजन है जिसके बिना वह नहीं रह सकता। तो मैंने कहा वो तो ठीक है लेकिन बिना पैसे के भोजन कैसे आएगा तो पैसों की जरूरत अधिक महत्वपूर्ण है, उनका बेटा बोला नहीं पैसे के लिए काम की जरूरत है, नौकरी की जरूरत है बिना काम किए पैसे नहीं आ सकते, मैं उस पर भी हाँ कह दी और सोच रही थी सही तो है यहाँ हम तीन बैठे हैं और तीनों ने अपने अनुसार जरूरत को बाँट दिया है।         ...