Hindi Quotes
साँप सीढ़ी के खेल से मैंने ज़िंदगी को जाना
मुश्किलों को मात दे, हमें हैं आगे बढ़ते जाना,
मिलता कोई हमराही जो ऊँचाइयों पर है चढ़ाता,
पर कहाँ देखा जाता सफ़लता आसमां को छूते हर किसी से,
बीच राह डंक मार बेरहमी से नीचे वह गिराता,
पर ना डर के, ना चोट खाकर रूकती है ज़िंदगी,
फ़िर नया दांव चल आगे बढ़ती है ज़िंदगी।।
करवा चौथ
तेरी लंबी उम्र के लिए,
व्रत करती हूँ,
तुझमें ही समाकर
अपनी उम्र सौंप देती हूँ।
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